अभी कुछ दिनों पहले जो हुआ सो आपसे शेयर करती हूँ . एक फ़ोन आया मोबाइल पर नम्बर नया था.फ़ोन उठाया हेल्लो..
आप कौन?कहाँ से बोल रहे है?वहां से आवाज़ आयी.
आपने कहाँ लगाया है?किस्से बात करनी है?
आपसे बात करनी है ?
में कौन?मेरा नाम बताइए यदि मुझसे बात करना है तो.
आप ही बता दीजिये.
अरे जब आपको बात करना है तो आपको मालूम होगा न.
हमें तो आपसे बात करना है.
आप कौन बोल रहे है?
राज .
कौन राज ?आपको ये नम्बर कहाँ से मिला?में आपको नहीं जानती.
आपने ही दिया है ये नंबर तो.
मैंने तो नहीं दिया.
फिर हमारे पास कैसे आया?
अरे मुझे क्या पता कैसे आया? वैसे मेरे पास फ़ोन बहुत कम ही आते है और रोंग नंबर तो बिलकुल ही नहीं. इसलिए थोडा मजा भी आ रहा था बात करने में. (वैसे भी छुट्टियों में थोडा बोर हो रही थी.)
आपने ही दिया है .
नहीं मैंने नहीं दिया. आपको बात किससे करनी है? आपसे. अब बाते दुहराने लगी तो मैंने फोन नीचे रख दिया. सोचा थोड़ी देर में खुद ही रख देगा जो भी है.फ़ोन बंद हो गया. एक मिनिट बाद फिर घंटी बजी वही नंबर. फ़ोन काट दिया मैंने. घंटी बार बार बजती रही तो सोचा क्यों न फ़ोन उठा ही लूं. जब पैसे लगेगे तो खुद ही फ़ोन करना बंद कर देगा.इस बार फ़ोन उठा कर फिर नीचे रख दिया. ४-५ बार ऐसा होने पर फ़ोन आना बंद हो गए. राहत की साँस भी न ले पाई थी की २ घंटे बाद फिर वही नंबर अब जब मैंने फ़ोन उठाया तो वहां से फ़ोन पर कोई आवाज़ नहीं.मतलब फ़ोन लगाओ और बात न करो,हंसी भी आयी कितना बेवकूफ है पैसे तो उसी के लग रहे है. खैर मैंने ध्यान नहीं दिया.मिस काल आते रहे. शाम को पतिदेव के सामने आया तो उन्होंने फ़ोन करने वाले को डांट दिया.
दूसरे दिन कान्हा जाना था. रास्ते में करीब ५० फ़ोन आये.हर बार मैंने फ़ोन उठाया बस एक ही बात आपसे बात करना है.एक बार कह भी दिया हाँ करो क्या बात करना है?तो फिर चुप. थोड़ी देर तो मनोरंजन समझ कर ये खेल चलता रहा फ़ोन इसलिए उठाये ताकि रिकॉर्ड में आ जाये,कितनी ही बार फ़ोन गाड़ी के स्पीकर के सामने रख कर उसे गाने भी सुनवा दिए.अंततः जब बोर हो गए तो फिर पतिदेव की शरण ली (वैसे वो शादी में मेरे सुख दुःख में साथ निभाने की कसम खा कर बुरी तरह फंसे है)उन्होंने फिर जोर से डांट लगाई फिर फ़ोन बंद हो गए.
कान्हा में ३-४ दिन प्रकृति की गोद में बड़े सुकून से बीते .जय हो अम्बानी जी की वहां बाकी सभी मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क थे बस रिलायंस का ही नेटवर्क नहीं था. खैर वापसी में फिर ये सिलसिला शुरू हुआ. पर इसबार फ़ोन आता और कहा जाता आप फ़ोन लगाओ मेरे पास बेलेंस नहीं है .एक बार तो उसे कह भी दिया की तुम तो एक ही दिन में फोकटिया हो गए. पर जब यहाँ से फ़ोन नहीं लगाया तो बेचारा मायूस हो गया.और फ़ोन नहीं आये.
एक दिन में ७०० किलो मीटर गाड़ी चला कर जब घर पहुंचे नीद से पलकें मुंदी ही थी की रात दो बजे फ़ोन की घंटी बजी फिर वही नंबर वही बात ,झुंझला कर सेल ऑफ कर दिया. पर ये निश्चित कर लिया की इसकी शिकायत करना ही होगी. दूसरे दिन सुबह उठते ही पुलिस के सेल "वी केयर फॉर यु "के नाम एक शिकायती पत्र बना कर भिजवाया. और फ़ोन आना बंद हो गए. अरे अभी तो कार्यवाही शुरू भी नहीं हुई होगी ,शायद बेचारे के पास बेलेंस ख़त्म हो गया. अफ़सोस भी हुआ उसकी शिकायत नहीं करना थी. ३ -४ शांति से गुजरे एक रात १२ बजे पलकें मुंदी ही थी की फ़ोन की घंटी ने बुरी तरह चौका दिया. कोई नया नंबर था .कौन?किससे बात करना है?
आपसे .
आप कौन?आपको नम्बर किसने दिया ?
आपने ही दिया ......वही सिलसिला फिर शुरू.
एक तो आधी रात फिर कच्ची नींद टूटने से में भिन्ना गयी. कहा -पुलिसे में शिकायत कर दूँगी ठीक हो जाओगे. तो फ़ोन किसी और को पकडाया गया. दूसरे ने जो बोलना शुरू किया कान सनसना गए तुरंत फोन कटा और ऑफ कर दिया.बहुत देर तक नींद नहीं आयी ,और सोच लिया इस नंबर की भी शिकायत करना होगी .ये तो हद हो गयी.
दूसरे दिन नए नंबर से फिर फ़ोन आये ,फ़ोन सायलेंट पर था इसलिए उठा नहीं पाई. लेकिन एक बार सोच लिया की अब आखरी बार कोशिश कर लूं शायद समझ जाये.
खैर फोन उठाया .कौन ?कहाँ से बोल रहे हो?वहां से आवाज़ आयी .
किससे बात करना है?
संगीता से.
यहाँ कोई संगीता नहीं रहती.
आप कहाँ से बोल रहे हो?
इंदौर से.
इंदौर में कहाँ से ?
मालवा मिल से .
ये नम्बर किसने दिया ?
आपने .
मैंने तो नहीं दिया .
फिर मेरे कने (पास) कहाँ से आया ?
मुझे क्या पता?
आपने ही दिया है.
मैंने नहीं दिया.
फिर मेरे पास आया कहाँ से?
हो सकता है किसी ने गलत नंबर दिया हो,या आपने गलत नम्बर लिख लिया हो,या आपने गलत नंबर लगा दिया हो. रोंग नंबर ऐसे ही लगते है .
रात में आप ही पुलिस की धमकी दे रहे थे न.
अब बात गोल करना जरूरी थी मैंने कहा रात में आपके बाद किसने बात की थी.?
वो भैया थे पड़ोस में रहते है.
तो वो आपके फ़ोन से बात कर रहे थे. आपको पता है ये जो भी बात हो रही है फ़ोन पर सब रिकॉर्ड हो जाती है अगर पुलिस में ये नंबर दे दू तो एक घंटे में पुलिस कंपनी से आपका नाम और क्या बात हुई ,और कितनी बार फ़ोन लगे सब निकाल लेगी. फ़ोन आपका है तो फंस आप जाओगे.
लगा बात उसके दिमाग में घुस रही है.पास बैठी बिटिया ने कंधे उचकाए ,क्या मम्मी उसे समझा रही हो.पर मेरे दिमाग में चल रहा था आज मुझे तो कल किसी और को परेशान करेगा इसलिए बात समझाना जरूरी है. और ये तो दोस्ती में पिसने वाला है.
देखो में वो नहीं हूँ जिससे आपको बात करना है और अगर किसी ने ये नंबर आपको दिया है तो गलत दिया है.आपके दोस्त ने ५० फ़ोन किये उसका नम्बर मैंने पुलिसे को दे दिया है अब अगर आप भी परेशान करोगे तो आपका नंबर भी देना पड़ेगा .और पुलिसे सब पता कर लेगी.
अच्छा ,आंटी जी गलती हो गयी अब नहीं करेंगे फ़ोन.माफ़ कर दो.मैंने कहा हां अब ध्यान रखना किसी को भी फोन पर परेशान नहीं करना ठीक है.
ठीक है आंटी जी .
अब स्कूल चाहे छुट्टी देदे में सिखाये बिना नहीं रह सकती तो में क्या करूँ .