Friday, November 22, 2013

'सगा सौतेला 'का पॉडकास्ट


मेरी कहानी 'सगा सौतेला 'का पॉडकास्ट अर्चना चावजी कि आवाज़ में

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Saturday, November 16, 2013

चीनी वितरण

 
एक बड़ी सी बस्ती में कई सारे लोग रहते थे।  उनमे थे एक मिस्टर अ। मिस्टर अ को चीनी बांटने का अधिकार था। उन्होंने एक बार बस्ती की ही मिस एम को खुश हो कर एक कटोरी चीनी दे दी।  सारी बस्ती ही बड़ी खुश थी क्योंकि मिस एम बहुत भली और होनहार थीं और सभी चाहते थे कि उन्हें एक कटोरी चीनी दी जाना चाहिए।  मिस एम अपने एक जान पहचान वाले मिस्टर सी को भी चीनी दिलवाना चाहती थीं उन्होंने कई बार दबी जुबान से इसका जिक्र किया लेकिन कुछ दूसरे लोग मिस्टर सी को चीनी पाने का हक़दार नहीं मानते थे इसलिए बात बनी नहीं ,बस विचार चलता रहा।  

उसी बस्ती में एक थे मिस्टर ब। न जाने किन कारणों से मिस्टर अ और ब के बीच बनती नहीं थी।एक बार जब बस्ती कि चौपाल में सभी इकठ्ठे थे मिस एम ने मिस्टर अ के सामने मिस्टर ब कि तारीफ कर दी  . बस फिर क्या था मिस्टर अ आगबबूला हो गए और उन्होंने आव देखा न ताव और सभी के सामने मिस एम से उनकी दी हुई एक कटोरी चीनी वापस मांग ली।  ये सुन कर सभी दंग रह गए और इस बात की सभी ने बहुत आलोचना की।  खुद मिस्टर अ के घरवाले भी उनकी इस बात पर उनसे नाराज़ हुए। 

मिस्टर अ को लगा इस तरह उनकी बहुत बदनामी होगी और हो सकता है उनका चीनी बांटने का अधिकार ही छीन लिया जाये। वे बड़े परेशान हुए। तभी पता चला मिस्टर सी बस्ती से जाने वाले हैं और बस्ती के कई लोग इस बात से बहुत दुखी हैं। बस मिस्टर अ ने सोचा कि इस मौके को भुनाना चाहिए ताकि वे बस्ती वालों की नज़रों में अपनी गिरी हुई इज्ज़त को वापस पा सके और इस बहाने शायद उनका चीनी बांटने का अधिकार बचा रह जाये।  

तो जिस दिन मिस्टर सी जाने वाले थे मिस्टर अ ने उन्हें हाथों हाथ लिया उन्हें बहुत प्रेम से भावुक हो कर एक कटोरी चीनी अपने हाथ से भेंट करने का एलान किया। 
अब बस्ती वाले खुश है इतने खुश कि जो लोग मिस्टर सी को चीनी का हकदार नहीं मानते थे वे भी फीकी सी मुस्कान के साथ चीनी दिए जाने का कारण समझने की  कोशिश करते हुए विदाई समारोह में शामिल हो गए है।  
कविता वर्मा 

नर्मदे हर

 बेटियों की शादी के बाद से देव धोक लगातार चल रहा है। आते-जाते रास्ते में किसी मंदिर जाते न जाने कब किस किस के सामने बेटियों के सुंदर सुखद जी...