Sunday, February 16, 2014

ऐसा भी होता है


गली के नुक्कड़ पर जब से पान की दुकान खुली है मोहल्ले के लड़कों को ठिया मिल गया। सुबह से शाम तक मज़मा लगा रहता ,बातें और ठहाके गूंजते रहते। हालांकि किसी ने कोई ऐसी वैसी बात या हरकत नहीं की थी लेकिन फिर भी लड़कियाँ और औरतें वहाँ से गुज़रते हुए सिर और नज़रें झुका लेतीं। मोहल्ले के बड़े बूढ़े उनकी हँसी पर कुढ़ते रहते। 
एक सुनसान दोपहर किसी लड़की की चीख़ के साथ दौड़ने भागने चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई दीं तो लोग दरवाज़े खोल कर बाहर आ गये, सभी को आशंका थी कि इन लड़कों ने किसी को छेड़ा होगा ,ये तो होना ही था। 
तभी एक लड़का मोहल्ले की एक लड़की को उसके घर तक छोड़ कर तेज़ी से वापस भागा। लड़की ने रोते हुए बताया बाज़ार से एक लड़का उसका पीछा करते हुए मोहल्ले तक आ गया। नुक्कड़ पर खड़े लड़कों ने उसे फब्तियाँ करते सुना तो सबने मिलकर उसकी पिटाई कर दी और उन्ही में से एक भैया उसे हिफाज़त से घर तक छोड़ने आये। सब हतप्रभ थे। 
कविता वर्मा 

15 comments:

  1. अक्सर हम समझने में भूल कर लेते हैं .......कांच समझते हैं और वो हीरा होता है

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  2. sabhi bure nahi hote...par aksaran yesa hi hota hai.....bahut achhe..

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  3. ऐसा भी होता है ... बिना जाने कुछ भी मत बनाना शायद इसलिए ही ठीक नहीं होता ..

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  4. अक्सर ऐसा ही समझा जाता है पर सभी एक जैसे नही होते, भले लडके भी रहते हैं.

    रामराम.,

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  5. Time is great for recognition.wel

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  6. यह बात तो है मूहोल्ले के लड़को को अक्सर हम गलत ही समझते है। हाँ यह बात अलग है कि वह अपने मुहोल्ले कि किसी लड़की को अपनी बहन माने या ना माने मगर बाहर का कोई आकर वहाँ कि किसी लड़की को छेड़े यह उनसे बरदाश नहीं होता। :)

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (18-02-2014) को "अक्ल का बंद हुआ दरवाज़ा" (चर्चा मंच-1527) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  9. बहुत खूब सुंदर प्रस्तुति हार्दिक शुभ कामनाये

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  10. ज्यादातर ऐसा ही होता है
    वैसा करने वाले कम होते हैं
    वैसे पर लिखना बिकता है
    ऐसे को कोई नहीं पूछता है :)

    सुंदर !

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  11. अक्सर हम समझने में गलती करते हैं
    अच्छी लघु कथा !

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